Thursday, September 4, 2025

हाइकु सफ़र

    कहां मंजिल

    है किसको खबर

     लंबी डगर


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राह नई है 

सफ़र पुराना है 

मंजिल कहां 


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वो जो मिले थे 

राह में हँसकर 

गए किधर 


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Wednesday, September 3, 2025

उसका आना भी क्या आना हुआ?

 जो सामने भी आए नजर ना मिलाए, 

उसका आना भी क्या आना हुआ?

नजर मिलाए, पर कुछ कह ना पाए, 

उसका आना भी क्या आना हुआ?

बात करे, पर हाल ना पूछे, 

उसका आना भी क्या आना हुआ?

जिसके आने और जाने मे कोई फर्क़ ना हो, 

उसका आना भी क्या आना हुआ?



... Durga




Wednesday, August 27, 2025

अविस्मरणीय मोड़

 अविस्मरणीय मोड़ 


ना जाने कितने खूबसूरत रास्तों से, 

हम गुज़रते चले जाते हैं,

हर बार सफ़र पूरा होता है,

मंज़िल तक पहुँच भी जाते हैं।


फिर नई राहों पर कदम बढ़ते हैं,

नई मंज़िल की तलाश में।

पर जाने क्यूँ.. 

कुछ मोड़ कभी भुलाए नहीं जाते।


शायद इसलिए कि उन मोड़ों पर, 

जो सुकून मिलता है,

वो न तो रंगीन राहों में मिलता है,

न ही मंज़िल की जीत में।

Sunday, August 24, 2025

सवालों की दिशा



सवालों की दिशा 

तुमने क्यों पूछी हरियाली की कीमत,

हरे-भरे पहाड़ों से ,

पानी की कीमत नदियों के बहाव से ?


तुमने क्यों नहीं पूछा, 

रेगिस्तान के टीलों से हरियाली का मोल,

तप्त धूप, सूखी धरती से पानी का मोल?


समस्या ये नहीं कि तुमने पूछा नहीं,

समस्या ये है कि, 

सही सवाल, गलत जगह पूछा


Durga 
















Wednesday, January 12, 2022

हारने के बाद

 हारने के बाद, 

इंसान अक्सर, 

याद करता है अपना सफ़र, 

और लौट जाना चाहता है, 

जहां से राह शुरू हुई! 

कुछ लौट जाना चाहते हैं, 

ताकि रास्ता बदल पाएं! 

और कुछ लौटते हैं, 

फिर से संघर्ष करने, 

ताकि उसी रास्ते, 

मंजिल तक पहुंचे, 

जो रास्ता चुना था !




... Durga

Sunday, September 12, 2021

तुम भुलाए नहीं जा सकते


 अधूरी ख्वाहिशों, 

टूटे सपनों, 

और छूटे हुए अपनों, 

तुम भुलाए नहीं जा सकते कभी भी, 

क्यूँकि तुम पर ही तो लिखी जाती है, 

दुनियां की बेहतरीन कविताएं, कहानियाँ, गीत और गज़ल!




... Durga

Sunday, June 20, 2021

कभी कभी


 कभी कभी, 
सिर्फ महसूस करना, 
शामिल होने से, 
बेहतर होता है! 
शायद इसीलिए, 
हमने भी,
बहुत दूर से, 
छुप छुप कर देखा है, 
कई बार, 
जिंदगी तेरे कई रंगों को!

... Durga

हाइकु सफ़र

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