सिलसिला
इस पार कोई बसता है
उस पार कोई उजड़ता है
इस उजड़ने और बसने का सिलसिला
जाने कब तक चलता है
इस पार कोई हँसता है
इस उजड़ने और बसने का सिलसिला
जाने कब तक चलता है
इस पार कोई हँसता है
उस पार कोई रोता है
इस रोने और हंसने का सिलसिला
जाने कब तक चलता है
इस रोने और हंसने का सिलसिला
जाने कब तक चलता है
इस पार कोई गाता है
उस पार कोई मौन गहराता है
इस गाने और मौन होने का सिलसिलाा जाने कब तक चलता है
जाने कब तक चलता है
जीवन से मृत्यु
फिर मृत्यु से जीवन
यूँ ही चक्रव्यूह सा
जाने कब तक ख़ुद को छलता है !
जाने कब तक चलता है
जीवन से मृत्यु
फिर मृत्यु से जीवन
यूँ ही चक्रव्यूह सा
जाने कब तक ख़ुद को छलता है !
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