अच्छाई इतनी हैं,
कि बुराई,
ढूंढने से भी नहीं मिल रही!
बुराइयां इतनी हैं,
कि अच्छाइयां
ढूंढने से भी नहीं मिल रही!
फिर भी हर बार,
बराबर कसे जाओगे कसौटी पर,
क्योकि,
नज़र भी हमारी ठीक है,
और नज़रिया भी साफ है!
कहां मंजिल है किसको खबर लंबी डगर ****'' '' '********' '' '' '' *********'...
No comments:
Post a Comment