होली


अबकी होली ऐसी खेलें, तन संग मन भी रंग लें,
चाहे जो भी रंग लगालें, पर प्रेम का रंग ना भूलें!
रंग दें धरती, रंग दें अंबर,
रंग दे सात समंदर!
रंग दे काले मन अपने, रंग दे उजले तन,
रंग दे सपनों भरा यह जीवन!
रंग ही रंग बरसे ऐसे,
जैसे संग आए बसंत और सावन!
अबकी होली ऐसी खेलें, तन संग मन भी रंग लें,
चाहे जो भी रंग लगालें, पर प्रेम का रंग ना भूलें!
अपने रंग दें, पराए रंग दें,
रंग दें दोस्त और दुश्मन!
राग रंग का त्योहार है होली,
भेद भाव सब जाएँ भूल!
रंग बिरंगे सब रंग जाएं,
कोई अछूता ना रह पाए!
फाग के रंग में झूम झूम, नाचे ऐसे सब जन,
जैसे झूमे बिना खोट के नन्हा प्यारा बचपन!
अबकी होली ऐसी खेलें, तन संग मन भी रंग लें,
चाहे जो भी रंग लगालें, पर प्रेम का रंग ना भूलें!

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