ज़िन्दगी खूबसूरत है
पतझड़ में, कभी जो थाम लेता है, गिरते हुए पत्तों को हथेली पर कोई, मुस्कुरा कर पत्ते भी कहते हैं, जिंदगी का ये पल भी क्या खूबसूरत है, कि जब पेड़ों पर निख़र ना पाए और जमीन पर बिखर ना पाए, पर किसी ने थाम कर हथेली पर सजा दी हो जैसे हस्ती, दे दी कुछ पल की और ज़िन्दगी बिखरने से पहले! ज़िन्दगी खूबसूरत है, जी भर जियो मरने से पहले! ... Durga