Posts

Showing posts from August, 2018

मैं नारी हूँ

मैं नारी हूँ अच्छा चलो मैं नदी ही बन जाती हूँ सदियों से बनी उन्हीं सीमाओं उन्हीं रास्तों पर शांत निर्मल हो कर यूँ ही बहती हूँ लेकिन नदी की तरह मैं भी वादा नहीं करती कि तूफान आये जब तब किनारों को तोड़ सीमाओं के पार न जाऊँगी वादा नहीं करती कि रास्ता रोकने वालों को अपने साथ बहा कर नहीं ले जाऊँगी मैं नारी हूँ अच्छा चलो मैं नदी ही बन जाती हूँ!

वो फ्रेम में जड़ा शीशा

वो फ्रेम में जड़ा शीशा बिखर गया बिखर जाने दो मत सोचो मगर गौर से देखो उस फ्रेम के अंदर मौजूद पेंटिंग को क्या तुम महसूस कर पा रहे हो अब भी उसकी खूबसूरती को उसकी चमक को क्या वे सादे रँग अब भी  लगते हैं इंद्रधनुषी तुमको फ्रेम के टूटे शीशे और दिल के टूटे रिश्ते अगर देख सकते हो एक नज़र से तो मत सोचो क्या बिखर गया संभाल लो उसे जो बिखरा नहीं

दोस्त यकीन है

ऐ दोस्त यकीन है मुझे तुम पर कि तूफान अगर आए कभी जीवन में और घिर जाऊँ जब मैं अंधेरे से तब तुम बचा लोगे मुझे डूबने से उस गम के भवंर में बचा लोगे मुझे तुम उस अंधेरे जीवन से दोस्त यकीन है मुझे तुम पर कि जब कभी मैं हार कर घिर जाऊँ मैं निराशा के साये से तब तुम बनकर आओगे मेरे लिए आशा की किरण और दिखाओगे मुझे मंजिल पाने का रास्ता दोस्त यकीन है मुझे तुम पर की जीवन के सफर में कहीं जब रह जाऊँ मैं तन्हा और खुशियां हों मुझसे दूर तब तुम ही बनकर इंद्रधनुषी रँग बरसा दोगे खुशियां दोस्त यकीन है मुझे तुम पर कि तुम कभी ना साथ छोड़ोगे मेरा तुम अगर साथ ना रहे कभी मेरे तब भी तुम्हारी यादें सदा साथ रहेंगी मेरे लेकिन दोस्त यकीन मेरा भी करना की तुम मेरे जीवन का हिस्सा हो आज भी और आज के बाद भी हमेशा बस यकीन करना! 

प्यार व्यापार

हमने सच्चा प्यार किया तुमने बस व्यापार किया कितना भोला दिल लेकर हमने सब बातों पर एतबार किया तुमने अरमानों की दुनियाँ को एक पल में ही बिन सोचे खाक किया समंदर की कश्ती समझ रिश्‍तों को हमने हर बार भँवर से पार किया तुमने खुद ही बनकर तूफ़ान हरदम अपनी जीत को हार किया हमने सर लेकर इल्जाम कई ख़ुद को अपनी ही नज़र में गुनहगार किया तुम भी निकले छलिया पक्के बातों से,कभी जज्बातों से छल का ही वार किया यूँ ही नहीं इस दुनियां में सच्चे मन रोते हैं दुनियाँ में बेकद्रों को जो दिलवालों ने भगवान किया हमने सच्चा प्यार किया तुमने बस व्यापार किया