पहाड़
पहाड़ों को, पहाड़ जैसे ज़ख्म देकर, तुम सोचते हो, कि पहाड़ कुछ न कहेंगे? ख़ामोश रहेंगे? थोड़ा आंसू क्या बहाए पहाड़ ने, इंसान तिनके सा बह गए, खो गई वादियाँ, मुड़ गई नदियां! सोचो,..... जब ख़ामोशी तोड़ेंगे पहाड़, तब क्या रह जाएगा? ... Durga