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Showing posts from March, 2018

समंदर की लहरों सा मन

मन भी समंदर की लहरों सा, बार बार मचलता है, खुशियां पाने को ! बार बार आगे बढ़ती हैं जो लहरें, पत्थरों से टकराकर लौट जाती हैं, खो जाती हैं,फिर अपने आप में, गुम हो  जाती है उसकी चंचलता पल भर के लिए, मगर शांत नहीं  होती, निरंतर मचलती रहती हैं आगे बढ़ने को! मन भी खुशियों की तलाश में, बढ़ता रहता है कई दिशाओं में, फिर लौट आता है, और खो जाता है अपने आप में ! मगर सोच के धागों से, बुनता रहता है निरंतर सपने ! कभी जब उदासी का साया घेर लेता है मन को, नज़र में हो मंजिल, पर राह न मिले, जब ज़िन्दगी में हर सपना टूटने लगे, मन हमारा हमें ही कोसने लगे, तो कई बार तोड़ डालता है ये दीवारों को, पार कर जाता है सारी ऊंचाइयों को, तोड़ देता है सारे बन्धन, जैसे लहरें उठती हैं कई बार, तूफ़ान बनकर, और पीछे छोड़ जाती हैं, एक ख़ामोशी ! ... Durga

यादें

जीवन के सफ़र को कभी आसान बनाती हैं यादें, कभी जीवन में  मुश्किलों का एहसास दिलाती हैं यादें ! कभी हमें रुलाती कभी हंसाती हैं यादें, चाहे जैसी भी हों हर पल साथ निभाती हैं यादें ! कभी भीड़ में अकेला कल देती  हैं यादें, कभी अकेले में साथी बन जाती हैं यादें ! आज  के चंद लम्हें बन जाती कल के लिए यादें, लोग बिछड़ जातेहैं रह जाती केवल यादें ! धुंधली हो चुकी तस्वीरों को आज दिखाती हैं यादें , रंग नए भी तो जीवन में भर जाती हैं यादें ! कुछ बोल सुरीले से हर पल सुनाती  हैं यादें, कुछ  बात पुरानी सी हर पल बताती हैं यादें ! यादों को सजा के रखिये, बड़ी अनमोल होती हैं यादें !