उस नज़र से भी नज़ारे देखे, जो नज़र तुम्हें प्यारी थी, उस डगर में भी किनारे देखे, जो डगर सिर्फ तुम्हारी थी! अब शायद ना होगा सफ़र सुहाना, इतना समझ लीजिए, हमने हर बात में जज़्बात देखे, ये कलाकारी भी तुम्हारी थी! ****************************************** सच तो ये भी है ज़माने में, रिश्ते टूट जाते हैं आज़माने में। सवाल ये है कि अपना कहें किसे, अपने तो मिलते हैं बस अफ़साने में। ****************************************** राह ये ज़िन्दगी की आसान भी नहीं है, किसी की ज़मीं तो किसी का आसमान नहीं है! सफ़र तो करना चाहता है हर कोई शायद, पर कहीं हमसफ़र नहीं है कहीं मुक़ाम नहीं है! ****************************************** यूं भी तेरी दुनियां से प्यार हमने कर लिया, यादों के समन्दर को तेरे नाम कर लिया! दरिया से किनारे अब लगते हैं बहुत दूर, दिले तूफान में मरने का इंतज़ार कर लिया! ********************* यादें कहाँ किसी को, कभी तन्हां छोड़ती हैं, लाख कोशिश करो, अपनी ही तरफ़ मोड़ती हैं! ***************************** जहां कदर नहीं वहाँ वास्ता भी रखना क्या, जहां उम