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Showing posts from December, 2017

एक एहसास रुहानी

अचानक हुआ यूं कि तुम मिल गए, जाने कहाँ से आ गए ज़िन्दगी में मेरे.. ऐसा लगा जैसे सदियों की तलाश मुकम्मल हो गई, जैसे तुम्हारे बिन बीती सदियाँ सदियों की बात हो गई... तुम कौन हो मेरे नहीं जानती मगर कुछ था दिल का खालीपन जो अब महसूस नहीं होता,कुछ थी हवाओं से आती सदाएं जो अब नहीं सुनाई देती....... काश तू समझ पाए ये कैसा प्यार कर बैठे है हम तुझसे, ना पाने की तमन्ना ना खोने का गम...दूर रहकर भी तू मुझमें है ऐसे जैसे हमेशा से साथ था मेरे, क्या रिश्ता है तेरा मेरा जो हवाओं में बसा है,  जिसे सदियाँ सजों के रखे हुए है... क्या है ऐसा जिसका एहसास वैसा ही है जैसे दिन और रात का एक बिन्दु पे मिलना, और एक बिन्दु पे बिछड़ना ! एक सोच है तू जिसे जितना सोचूँ उतना करीब पाती हूँ... एक नज़रिया है तू जिसने सारी दुनियाँ इतनी सुन्दर बना दी जितनी छोटे बच्चे की मुस्कान या जितना सुन्दर, घने जंगल में खिला कोई फूल.. .ना कुछ कहने की इच्छा ना कुछ सुनने की चाह. .. एक प्यारा एहसास है तू सबसे जुदा, जो चला आया है साथ मेरे जाने कब से .... रूहानी इश्क़ है मेरा तुझसे... शरीर से और दुनियाँ के सारे बंधन से परे....पवित्र उतना जितन

प्यार का रंग

प्यार का रंग पता है तुम्हें बिल्कुल वैसा ही होता है जैसे पानी का रंग... अपना कोई रंग नहीं जो रंग डालो उसी रंग में रंग जाता है... खुद की पहचान मिटाकर ओढ़ लेता है रंगों को.....भिगो देता हैं रंगों को, और दे देता हैं उन्हें और गहराई...... प्यार की सीमा जानते हो तुम, उतनी ही असीमित है जितना धरती से आसमान.... कोई छोर नहीं इसका कोई अंत नहीं....  प्यार की गहराई समझते हो तुम... ये उतना ही गहरा है जितना मन, जो निरंतर सपने बुनता रहता है... जो दुनियाँ भूला देता है, जाने कितनी बातें समाई होती हैं भीतर... कितना भी गहरा उतरो मन में, मन का कोई तला महसूस ही नहीं होता... 

ख़याल

ख़यालों की दुनियां भी कितनी अजीब है... एक ख़याल मन से गया नहीं की दूसरा मन में ऐसे समाने लगता है जैसे सदियों से यही तो चाहिए था, और या ऐसे जैसे कोई जबर्दस्ती दरवाजा तोड़ कर भीतर दाखिल होना चाहता हो जिसे हम आने देना ही नहीं चाहते हों... ख़यालों की दुनियां सच में बड़ी अजीब है... पल भर में बेगाने भी अपने और अगले ही पल अपने भी बेगाने.. कभी झपट कर पा लेना चाहते हैं सारी दुनियाँ, और कभी सब कुछ लुटा देना चाहते हैं उन पर जो दिल के सबसे करीब हैं...कई बार इन्ही ख़यालों में तुझे पाया सबसे बेहतरीन और सबसे करीब मैंने, जैसे कभी बिछड़ना ही ना हो... तुझ से जुड़ा हर ख़याल वाकई बहुत खूबसूरत होता है... लेकिन सबसे भयानक, सबसे डरावना ख़याल भी तुझसे ही  जुड़ा है... तुझसे बिछड़ने का ख़याल सच में बहुत डरावना है...मेरे ख़यालों की दुनियां में एक ख़याल ये भी कि तू कभी ख़यालों में भी दूर ना जाए...