आहिस्ता से चल ऐ ठन्डी हवा

आहिस्ता से चल ऐ ठन्डी हवा...
तेरी हर लहर कुछ कहती है...
जरा सुनने दे वो तराना...
थोडा जी लेन दे वो गुजरा जमाना...
तू अपने साथ ले आती है कितनी बातें...
कुछ कही, कुछ अनकही...
कई ख्याल, और कई सपने...
आहिस्ता से चल ऐ ठन्डी हवा...
मैं कुछ पल आंखें मूंद कर...
जी लूं फिर वही ख्याल, वही सपने...
कर लूं अनकही बातें पुरानी...
तेरा यूं आहिस्ता बहना...
दे जाता है मुझे...
बीते हुए मासूम पल और नईं सांसें... 

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