प्यार व्यापार

हमने सच्चा प्यार किया
तुमने बस व्यापार किया

कितना भोला दिल लेकर
हमने सब बातों पर एतबार किया
तुमने अरमानों की दुनियाँ को
एक पल में ही बिन सोचे खाक किया

समंदर की कश्ती समझ रिश्‍तों को
हमने हर बार भँवर से पार किया
तुमने खुद ही बनकर तूफ़ान
हरदम अपनी जीत को हार किया

हमने सर लेकर इल्जाम कई
ख़ुद को अपनी ही नज़र में गुनहगार किया
तुम भी निकले छलिया पक्के
बातों से,कभी जज्बातों से छल का ही वार किया

यूँ ही नहीं इस दुनियां में सच्चे मन रोते हैं
दुनियाँ में बेकद्रों को जो दिलवालों ने भगवान किया
हमने सच्चा प्यार किया
तुमने बस व्यापार किया

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