मैं नारी हूँ



मैं नारी हूँ
अच्छा चलो
मैं नदी ही बन जाती हूँ

सदियों से बनी
उन्हीं सीमाओं
उन्हीं रास्तों पर
शांत निर्मल हो कर
यूँ ही बहती हूँ

लेकिन
नदी की तरह
मैं भी
वादा नहीं करती
कि तूफान आये जब
तब किनारों को तोड़
सीमाओं के पार न जाऊँगी

वादा नहीं करती
कि रास्ता रोकने वालों को
अपने साथ
बहा कर नहीं ले जाऊँगी

मैं नारी हूँ
अच्छा चलो
मैं नदी ही बन जाती हूँ!


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