मजदूर
मजदूर है
मजबूर है
मेहनत से वो चूर है!
सपना है
नीद नहीं,
सफर है
मंजिल नहीं,
आखरी साँस तक
किस्मत में बस फ़रमान ही फ़रमान हैं!
सुबह भी है शाम भी है
बस काम ही काम है
पल भर को ना आराम है!
मन मरता है
तन बोझ से टूट जाता है
फिर भी जीने का अरमान है!
... Durga
मजबूर है
मेहनत से वो चूर है!
सपना है
नीद नहीं,
सफर है
मंजिल नहीं,
आखरी साँस तक
किस्मत में बस फ़रमान ही फ़रमान हैं!
सुबह भी है शाम भी है
बस काम ही काम है
पल भर को ना आराम है!
मन मरता है
तन बोझ से टूट जाता है
फिर भी जीने का अरमान है!
... Durga
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