ये बहनें
सुनो भैया
ये जो बहनें
साल में एक - दो बार
चली आती है ना भाई के घर,
ये कुछ लेने के लिए नहीं आती!
ना ही इन्हें अपना
दुख दर्द सुनाना होता है!
ना ही ये अपने जीवन में,
बदलाव के लिए आती हैं
आपसे मिलने!
बहने बहुत भोली होती है...
भाई उनकी सुने ना सुने
पर वो अपने भाई की बातें
तसल्ली से सुनना चाहती है,
फोन पर दिल नहीं भरता तो
मिलने चली आती है!
जब तक खुद देख ना ले
कि उनका भाई बिल्कुल मजे में है,
तब तक चैन नहीं पड़ता उन्हें!
ये बहने कभी कुछ लेने की उम्मीद में नहीं आती,
ये बस हमेशा ढ़ेर सारा प्यार लुटाने के लिए आती है!
और झूठ झूठ में लड़ झगड़ कर,
ले जाती हैं बहुत सी यादें साथ,
ताकि अपनेपन में कोई कमी ना आए,
और रिश्ता यूं ही चलता रहे!
ये बहनें,
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